जिन लड़कियों की किसी भी कारण से शादी नहीं हो पा रही है , आखिरी समय पे बात समाप्त हो रही है, विलम्ब हो रहा है उनको चहिये की इस पाठ को रोज़ माँ दुर्गा के मंदिर में प्रातः निवृत्त होकर करना शुरू करें | यह पाठ बहुत ही चमत्कारी है और इसको करते समय मन में माँ सीता की छवि होनी चाहिए और प्रेम और श्रद्धा का भाव होना चाहिए | सच्चे मन से कोई इसको करना शुरू करेगा तो उसका विवाह अवश्य होगा इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए |मन में स्वार्थ नहीं होना चाहिए , जल्दीबाजी नहीं होनी चाहिए और श्रद्धा पूर्ण होनी चाहिए |
जय जय गिरिबरराज किसोरी !
जय महेस मुख चंद चकोरी !!
जय गजबदन षडानन माता !जगत
जननी दामिनी दुति गाता !!
नहिं तव आदि मध्य अवसाना
!अमित प्रभाऊ बेदु नहीं जाना !!
भाव भाव बिभव पराभव कारिनि
!बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनी !!
पतिदेवता सुतीय महुं मातु
प्रथम तव रेख !
महिमा अमित न सकहिं कहि सहस
सरदा सेष !!
सेवत तोही सुलभ फल चारी !
बरदायनी पुरारी पिआरी !
देबी पूजी पद कमल तुम्हारे
! सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे !!
मोह मनोरथ जानहु नीकें !
बसहु सदा उर पुर सबही कें !!
कीनेहू प्रगट न कारन तेहि
!अस कही चरण गहे बैदेहीं !!
बिनय प्रेम बस भई भवानी !
खसी माल मूरति मुसुकानी !
सादर सियं प्रसादु सिर धरेऊ
! बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ !!
सुन सिय सत्य असीस हमारी !
पूजिहि मन कामना तुम्हारी !
नारद बचन सदा सूचि साचा !सो
बरु मिलिहि जाहीं मनु राचा !!
मनु जाहीं राचेउ मिलिहि सो
बरु सहज सुन्दर सांवरो !
करुना निधान सुजान सीलू
सनेहू जानत रावरो !!
एही भांति गौरी असीस सुनी
सिय सहित हियं हरषीं अली !!
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि
पुनि मुदित मन मंदिर चली !!
जानी गौरी अनुकूल सिय हिय
हरषु न जाई कहि !
मंजुल मंगल मूल बाम अंग
फरकन लगे !! (२३६ )
श्री राम जय राम जय जय राम
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